जिसके दिल में जितना सन्नाटा होता है, महफ़िल में उसकी आवाज़ सबसे ज़ादा गूंजती है..
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मुझ को मालूम है
मुझ को मालूम है सच ज़हर लगे है सब को बोल सकता हूँ मगर होंट सिए बैठा हूँ..
शायद हमें समझ लोगे
करीब आओगे, तो शायद हमें समझ लोगे, ये फासले, तो ग़लतफ़हमियां बढ़ाते हैं|
तुम सिर्फ वो जानते हो
दरअसल तुम सिर्फ वो जानते हो…जो मेरे लफ़्ज़ कहते हैं. मेरी हिचक , अफसोस और तलब तो बेजुबान हैं…
चाँद चुरा के
चाँद चुरा के बिंदी बना दूँ, सितारे समेट माँग सजा दूँ! पकड़ लाऊँ जंगल के सब जुगनू, झिलमिलाती चुनरी तुझे ओढ़ा दूँ! तुम कहो तो आज तुमको अपना बना लूँ! तुम कहो तो आज तुमको अपना बना लूँ!!
बारिशों ने तोड़ दी हैं
बारिशों ने तोड़ दी हैं, तुम्हारी यादों की सड़क… मोहब्बत के तारकोल में मिलावट थी बहुत..!
अब गुमसुम सी रहती हैं
अब गुमसुम सी रहती हैं उँगलियाँ अपनी सहेलियों के बिना और आंखे इस अफ़सोस मे कि छुपाया क्यों नही उसे जब वो डूबा था|
सौदा तय हुआ!!
दुनिया तेरी और तू मेरा.. चल, सौदा तय हुआ!!
आँखों में इंतज़ार
आँखों में इंतज़ार के लम्हात सौंपकर… नींदे भी कोई ले गया अपने सफ़र के साथ….!!
खुशबू सी आ रही है
खुशबू सी आ रही है इधर ज़ाफ़रान की, खिडकी खुली है ग़ालिबन उनके मकान की…!