दरअसल तुम सिर्फ वो जानते हो…जो मेरे लफ़्ज़ कहते हैं.
मेरी हिचक , अफसोस और तलब तो बेजुबान हैं…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दरअसल तुम सिर्फ वो जानते हो…जो मेरे लफ़्ज़ कहते हैं.
मेरी हिचक , अफसोस और तलब तो बेजुबान हैं…