किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही

किसको बताएं कब से हम ज़िन्दगी के राही फूलों की आरज़ू में काँटों पे चल रहे हैं

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती, अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए.

इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए

कभी इतना मत मुस्कुराना की नजर लग जाए जमाने की, हर आँख मेरी तरह मोहब्बत की नही होती….!!!

हजारों चेहरों में

हजारों चेहरों में,एक तुम ही थे जिस पर हम मर मिटे वरना.. ना चाहतों की कमी थी,और ना चाहने वालों की…!!

औकात क्या है तेरी

औकात क्या है तेरी, “ए जिँदगी” चार दिन कि मुहोब्बत तुझे तबाह कर देती है…..iii

फासला और फैसला

फासला और फैसला बड़ा एहमियत रखते है जिंदगी में! एक ज्यादा दूसरा गलत हर रिश्ता तोड़ देता है!!

बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद

बेशक तेरे कॉल की कोई उम्मीद तो नहीं लेकिन.. पता नहीं क्या सोच कर मैं आज भी नम्बर नहीं बदलता…!!

तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज

तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज….. . प्यार मेँ ठुकराए लोग मुझसे देखे नहीँ जाते…..

आज हम अकेले है तेरे बगैर

आज हम अकेले है तेरे बगैर दिल बे – करार है आज तेरे बगैर वक्त नहीं रुकता कभी किसी के लिए पर धड़कने रुक जायेगी आज तेरे बगैर …

ना जाने कौन कौन से

ना जाने कौन कौन से विटामिन और प्रोटीन हैं तुझ में….? जब तक तेरा दीदार न कर लूँ तब तक बैचेनी रहती है

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