जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह

जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह, बस इतनी सी बेवफा थी वो…

सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर

सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर, बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…

इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ

इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ…!!! चमक उन्होने बटोरी… तड़प हम ले आए…!!!

जग रहे हो किसी के लिए

जग रहे हो किसी के लिए.. .. या किसी के लिए सोये नहीं ?

ऐ दिल सोजा

ऐ दिल सोजा, अब तेरी शायरी पढ़ने वाली अब किसी और शायर की गजल बन गयी है..⁠⁠⁠⁠

चले भी आओ तसव्वुर में

चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर….. आज इंतज़ार तेरा….. दिल को…. हद से कुछ ज्यादा है

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया

कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे, जाम हो जाए तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए

तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में

तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में, बस कोई अपना नजऱ अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता |

जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में

जरा सी जगह छोड देना अपनी नींदों में, क्योकि….आज रात तेरे ख्वांबों मे हमारा बसेरा होगा…!!!

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