कार्य करने के लिए

परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे.. . . हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे… ……

मुझे भी आता था

हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है, . उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है …. वर्ना जीना मुझे भी आता था….. …..

धड़कन तो इसे

अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना…. अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते-करते….

प्रवचन देता है

आदमी सुनता है मन भर’. सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर; और खुद ग्रहण नही करता कणभर।

तुम खुद ही

मेरी नजर से कभी खुद को देखना, . तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!

धड़क रहा होगा

मेरा नाम लिखकर छूकर देखना कभी… कोई दिल वहाँ भी धड़क रहा होगा

मंजिल भी मिलेगी

मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों के हिस्से में ही आती हैं…!! क्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन तरीके से अंजाम देने की ताकत रखते हैं..!! “रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा; प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा..! थक कर ना बैठ ए मंजिल के मुसाफ़िर; मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा…!!”

सरे बदन को

सरे बदन को आँखें बनाकर राह तको.. … के सारा खेल ये मोहब्बत में, इंतज़ार का है ।

परवाह मत कीजिये

रास्ता ‘खूबसूरत’ है तो पता कीजिये.. किस ‘मंज़िल’ की तरफ जाता है! लेकिन, अगर ‘मंज़िल’ खूबसूरत हो तो कभी रास्ते की ‘परवाह’ मत कीजिये |

मेरी मुस्कान पर

लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर; मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की; जब जहाँ जो मिला, अपना लिया – जो न मिला, उसकी ख्वाहिश न की…!!!

Exit mobile version