कुछ विरान सी

कुछ विरान सी नज़र आती दिल की दिवार.. .. सोचता हूँ, तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ !

हमने टूटी हुई शाख

हमने टूटी हुई शाख पर अपना दर्द छिड़का है … … फूल अब भी ना खिले तो, क़यामत होगी ।

कबड्डी पूरी तरह से

कबड्डी पूरी तरह से भारतीय खेल है। कैसे? इसमें सब लोग एक साथ मिलकर एक ऐसे आदमी को नीचे गिराने में लगे रहते हैं, जो बेचारा कुछ करने आगे आया है।

नींद और मौत में क्या फर्क है

नींद और मौत में क्या फर्क है…? किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है…. “नींद आधी मौत है” और “मौत मुकम्मल नींद है”

कैसी गुज़र रही है

कैसी गुज़र रही है,सभी पूछते हैं, कैसे गुजारता हूँ,कोई पूछता नहीं !

ये तो अच्छा है कि मेरे

ये तो अच्छा है कि मेरे हर ख़्वाब पूरे नहीं होते.. वरना मेरे दोस्त किन-किन को भाभी जी कहकर बुलाते..!!

उम्मीद न कर इस दुनिया

उम्मीद न कर इस दुनिया मेँ, किसी से हमदर्दी की..! !. बड़े प्यार से जख्म देते हैँ, शिद्दत से चाहने वाले…!!

Tu Laakh Diye Jala Le

Tu Laakh Diye Jala Le Apni Gali Me . . . . . . MaGar RoShni To Hamare Aane Se Hi HoGi

उम्र भर सोचा किए कर लेंगे

उम्र भर सोचा किए कर लेंगे तौबा एक दिन मौत यूं आई के तौबा रह गई हम चल दिए

सुबह सुबह चूम लिया

सुबह सुबह चूम लिया नींद भरी आँखों को, तू ये बता, “अब सुला रहा हैं की जगा रहा हैं..??”

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