मेरी बातों से

मेरी बातों से कुछ सबक़ भी ले ..मेरी बातों का कुछ बुरा भी मान ..

चले गये तो

चले गये तो पुकारेगी हर सदा हमको, न जाने कितनी ज़बानों से हम बयां होंगे|

खुद को देखता है आइना.!

आंखें अपनी साफ़ तो रखिये ज़रा.. उन में खुद को देखता है आइना.!

एक फूल अजीब था

एक फूल अजीब था, कभी हमारे भी बहुत करीब था, जब हम चाहने लगे उसे, तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था|

दिल के पुरे सुकून के साथ..

आप सो जाइये अब दिल के पुरे सुकून के साथ.. मुझे तो आपके ख्याल इस रात अभी और जगायेंगे..

मुहब्बत मुक़म्मल होती तो

मुहब्बत मुक़म्मल होती तो ये रोग कौन पालता … अधूरे आशिक़ ही तो शायर हुआ करते हैं…

बहुत दिनों से

बहुत दिनों से जिन्हें ओढ़ा नहीं है कल उन रिश्तों को धूप दिखाने का मन है…

कुछ दरमियाँ नहीं

कुछ दरमियाँ नहीं है गर तेरे मेरे तो ये बेचैनियाँ क्यूँ हैं? लौट आओ कि कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटा करते|

मिलती है मौजूदगी

मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको जिसने जर्रे जर्रे में ,क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको ।

जुदा नहीं कर पाएगा हमें..

फिर कोई जुदा नहीं कर पाएगा हमें…अगली बार आऊंगा मैं तेरे मजहब का बनके…

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