उसने चुपके से

उसने चुपके से मेरी आंखो पर हाथ रखकर पुछा बताओ कौन मै मुस्कुरा के धीरे से बोला मेरी ज़िन्दगी …

सब्र रखते हैं

सब्र रखते हैं , बड़े ही सब्र से हम वरना ज़िंदगी जीना ….कोई आसां तो नहीं……!!

जब जब भी

जब जब भी मैं बिखरा हूँ, दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ।

जो जले थे हमारे लिऐ

जो जले थे हमारे लिऐ, बुझ रहे है वो सारे दिये, कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिये..

बड़ी बैचेन सी कटती हैं

कैसे कहूं बड़ी बैचेन सी कटती हैं अब अपनी रातें ना भी बताऊं तो चादर की सलवटें बयां कर देती हैं..

काश तू सुन पाता

काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,, आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!

कैसे कहूं बड़ी

कैसे कहूं बड़ी बैचेन सी कटती हैं अब अपनी रातें ना भी बताऊं तो चादर की सलवटें बयां कर देती हैं..

इश्क कर लीजिए

इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से; एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!

तुम्हें भूले पर

तुम्हें भूले पर तेरी यादों को ना भुला पाये; सारा संसार जीत लिया बस एक तुम से ना हम जीत पाये; तेरी यादों में ऐसे खो गए हम कि किसी को याद ना कर पाये; तुमने मुझे किया तनहा इस कदर कि अब तक किसी और के ना हम हो पाये।

मत दिखाओ हमें

मत दिखाओ हमें, तुम ये मुहब्बत का बहीखाता , हिसाब-ए-इश्क़ रखना, हम दीवानों को नहीं आता …

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