वो रोये तो

वो रोये तो बहुत, पर मुझसे मुंह मोड़कर रोये…. कोई मजबूरी रही होगी, तभी मेरा दिल तोड़कर रोये। मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के कई टुकड़े…. पता चला मेरे पीछे से उन टुकड़ों को वो जोड़कर रोये।

तेरे नाम की

ऐसा नहीं, कि दिल में, तेरी तस्वीर नहीं थी…. पर हाथो में, तेरे नाम की, लकीर नहीं थी….

मेरे नगमों मे

मेरे नगमों मे जो बसती है वो तस्वीर थी वो नौजवानी के हसीन ख्वाब की ताबीर थी वो आसमानों से उतर आई थी जो रात की रात जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात

भीगी है अब

भीगी है अब तलक मेरी कब्र की दीवारें, लगता है अभी अभी कोई रो कर गया है

मिलता ही नही तेरे जैसा

मिलता ही नही तेरे जैसा कोई और इस दुनिया में! मुझे क्या पता था कि तु एक है और वो भी किसी और की !

खुले मैदानों में

दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमों को साहब, ज़िन्दगी बहुत भगाती है बचपन गुजर जाने के बाद.

हमने जब कहा

हमने जब कहा नशा शराब का लाजवाब है, तो उसने अपने होठो से सारे वहम तोड़ दिए।

वक़्त यूँ ही

वक़्त यूँ ही ठहर जाए हमदम दिल की इतनी सी इक आरज़ू है एक मैं हूँ यहाँ एक तू है…

दिल में इजाजत

बस जाते हैं दिल में इजाजत लिये बगैर, वो लोग, जिन्हें हम जिन्दगी भर पा नहीं सकते..!!

बरसती है अदाओं से

निगाहों से,बरसती है अदाओं से.. कौन कहता है मोहब्बत पहचानी नहीं जाती

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