सितारे सा टूट कर

सितारे सा टूट कर गिरूँगा कहीं एक दिन, पर तेरी सारी ख्वाहिशें पूरी करके जाऊँगा !!

इतनी मोहब्बत दूं

इतनी मोहब्बत दूं की हो जाये तू मेरा, फिर ज़माने को तेरे लिए तरसता देखूं…

किसी और का हाथ

किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ, वो तन्हा मिल गया कभी तो क्या जवाब दूँगा…!!

मेरी बात मानो

मेरी बात मानो तो छोड़ दो ये मोहब्बत करना, हर हकीम ने हाथ जोड़ लिये है इस मर्ज से !!

हर शख्स परिंदों का

हर शख्स परिंदों का हमदर्द नही होता मेरे दोस्त, बहुत बेदर्द बेठे है दुनिया में जाल बिछाने वाले !!

वो अब भी

वो अब भी आती है ‪ख्वाबों‬ में मेरे, ये देखने की मैं उसे ‪भूला‬ तो नहीं !!

तू जिस दिन करेगा याद

तू जिस दिन करेगा याद मेरी मोहब्बत को, बहुत रोयेगा उस दिन खुद को बेवफा कह के !!

ऐसा कभी नहीं हुआ

ऐसा कभी नहीं हुआ की वो मेरे बुलाने से आ गया, जब खुद ना रह सका तो किसी बहाने से आ गया !!

कभी पास बैठ कर

कभी पास बैठ कर गुजरा तो कभी दूर रह कर गुजरा, लेकिन तेरे साथ जितना भी वक्त गुजरा बहुत खूबसूरत गुजरा|

जहाँ गुंजाइशें हों

जहाँ गुंजाइशें हों वहीँ प्यार ठहरता है…. आज़माइशें अक़्सर रिश्ते तोड़ देती है !!

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