मेरी एक छोटी सी

मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है हाथ थाम लो…

खुबसूरत क्या कह दिया उनको

खुबसूरत क्या कह दिया उनको, के वो हमको छोड़कर शीशे के हो गए तराशा नहीं था तो पत्थर थे, तराश दिया तो खुदा हो गए|

अपनी चाहतों का हिसाब

मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …

जिन्दगी बैठी थी

जिन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पै फूली हुई, मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया………

हँस तो रहा हूँ

मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए. वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए..

उसकी जीत से

उसकी जीत से होती हे ख़ुशी मुझको….! यही जवाब मेरे पास अपनी हार का था …

मसरुफ रहने का अंदाज

मसरुफ रहने का अंदाज आपको तन्हा ना कर दे, रिश्ते फुरसत के नही, तवज्जो के मोहताज़ होते हैं ….

हम ने कब माँगा है

हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला बस दर्द देते रहा करो मोहब्बत बढ़ती जाएगी

गिनती में ज़रा

गिनती में ज़रा कमज़ोर हुं … ज़ख्म बेहिसाब ना दिया करो …!!!

सच बोलता हूँ

सच बोलता हूँ तो टूट जाते हैं रिश्ते, झूठ कहता हूँ तो खुद टूट जाता हूँ…

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