परिंदे भी नहीं रहते

परिंदे भी नहीं रहते पराये आशियानों में, हमने जिंदगी गुजारी है किराये के मकानों में

बड़ा सख्त मिज़ाज है

बड़ा सख्त मिज़ाज है वो शख्स, उसे याद रहता है कि मुझे याद नहीं करना…

तू मोहब्बत से

तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे…!!!

बेअसर कहाँ होती है

बेअसर कहाँ होती है दुआ कोई भी. .या तेरी कुबूल होगी..या मेरी कुबूल होगी..

सबकुछ निभा गया

वो तो मैं था कि पागल सबकुछ निभा गया, ज़िंदगी भर वर्ना मुह्ब्बत कौन करता है..

दिल अच्छे होते हैं

जिनके दिल अच्छे होते हैं दिमाग वाले उनका अच्छा फायदा उठाते हैं…

टूटे हुए काँच की तरह

टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गये किसी को लग ना जायें, इसलिए सबसे दूर हो गये…!!!

एक तो वैसे ही …..

एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.

रोज रोज गिर कर भी

रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!

जख्म गरीब का

जख्म गरीब का कभी सूख नहीं पाया, शहजादी की खरोंच पे तमाम हकीम आ गए…

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