बरसों बाद इक ख़त आज आया है

बरसों बाद इक ख़त आज आया है, तुम्हे याद आई है या गलत पते पे आया है…!!!

सुना है वो खुश नही एक बार मारकर मुझे

मेरे कातिल का पता दो आया हूँ फिर से मरने, सुना है वो खुश नही एक बार मारकर मुझे…!!!

होंगी कुछ उनकी भी मजबूरियाँ

होंगी कुछ उनकी भी मजबूरियाँ, यूंही कोई हमेशा ऑफलाइन नहीं होता…!!!

गया था उस गली मे

गया था उस गली मे यूही कोई काम ना था, देखा जबसे उसको वहां अब रोज काम होता है…!!!

अक्सर सोचता हूँ देख कर तस्वीर तेरी

अक्सर सोचता हूँ देख कर तस्वीर तेरी, जो तुझसे मोहब्बत ना होती तो क्या होती ज़िन्दगी मेरी…!!!

तुम याद भी आते हो तो चुप रहता हूं

तुम याद भी आते हो तो चुप रहता हूं, कि आंखो को खबर हुई तो बरस जायेगीं…..!!

जुलाई की गर्मी तो हम सह लेगें मेरी जान

जुलाई की गर्मी तो हम सह लेगें मेरी जान, मार डालेगा मगर हमें तेरे लहज़े का गर्म होना…!!!

तुम से कहा था ना कि

तुम से कहा था ना कि….. हम मर जायेंगे,लो मर गये, तुम पर..!!!! अब दफ़ना लो “अपनी बाहों” में….!

लम्बी लम्बी बातें

तुम्हें याद हैं वो तुमसे हुई लम्बी लम्बी बातें, या हमारे साथ साथ उन्हें भी भूला दिया…!!!

सुलझे-सुलझे बालों वाली लड़की से

सुलझे-सुलझे बालों वाली लड़की से कोई पूछे तो, उलझा-उलझा रहने वाला लड़का कैसा लगता है…!!!

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