रह रह कर मुझको

रह रह कर मुझको रुलाती है वो , आसमां से मुझको बुलाती है वो।

न रुकी वक़्त की गर्दिश

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला…… पेड़ सूखा तो परिन्दों ने भी ठिकाना बदला……

बेजुबान पत्थर पे

बेजुबान पत्थर पे लदे है करोंडो के गहने मंदिरो में..! उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हें हाथों को देखा है..!!!

खुद मेँ झाँकने के लिए

खुद मेँ झाँकने के लिए जिगर चाहिए, दूसरों की शिनाख्त मेँ तो हर शख़्स माहिर है..!!

दौड़ती भागती दुनिया

दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है, खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है..!!

यूँ ना देखा करो

यूँ ना देखा करो खुदा के लिये, हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी

बिन बुलाये आ जाता है

बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता, ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..

यही हुनर है

यही हुनर है उस स्याही का जो हर किसी की कलम में होती नहीं..!

हमें गुजारने को

हमें गुजारने को ज़िन्दगी थी बस एक बहाने कि जरुरत, रास्ते में लोग गम देते गये और हमारी बसर होती गयी.

मन मुताबिक़ नही चल रही

अभी हवा मन मुताबिक़ नही चल रही सच का क्या है, सहूलियत से कह देंगे…

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