ये बारिश भी तुम सी है!

ये बारिश भी तुम सी है, जो थम गई तो थम गई।। जो बरस गई तो बरस गई, कभी आ गई यूँ बेहिसाब।। कभी थम गई बन आफताब, कभी गरज गरज कर बरस गई ।। कभी बिन बताये यूँ ही गुज़र गई कभी चुप सी है कभी गुम सी है ये बारिश भी सच… तुम… Continue reading ये बारिश भी तुम सी है!

झूठ ‪‎बोलते‬ थे कितना,फिर भी ‪‎सच्चे‬ थे

झूठ ‪‎बोलते‬ थे कितना,फिर भी ‪‎सच्चे‬ थे हम.. ये उन ‪‎दिनों‬ की बात है,जब ‪‎बच्चे‬ थे हम…!!

मुझे दोस्तों के साथ देखकर लौट जाते है गम!

मुझे दोस्तों के साथ देखकर लौट जाते है गम, कहते है, “इस का कुछ बिगाड नहीं सकते हम!

तुम पे लिखना शुरु कहा से करु

तुम पे लिखना शुरु कहा से करु, अदा से करु या हया से करु, तुम सब कि दोस्ती इतनी खुबसुरत है, पता नही कि तारिफ जुबा से करु या दुवाओं से करु…

न सफारी में नज़र आयी और न ही फरारी में

न सफारी में नज़र आयी और न ही फरारी मेँ…… जो खुशी बचपन मेँ साइकिल की सवारी में नज़र आयी।

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