दुरुस्त कर ही लिया

दुरुस्त कर ही लिया मैंने नज़रिया अपना, कि दर्द न हो तो मोहब्बत मज़ाक लगती है!

न जाने कौन सी

न जाने कौन सी दौलत है तेरे लफ़्ज़ों में, बात करते हो तो दिल खरीद लेते हो!

सरेआम न सही

सरेआम न सही फिर भी रंजिश सी निभाते है.. किसी के कहने से आते किसी के कहने से चले जाते..

न रूठना हमसे

न रूठना हमसे हम मर जायेंगे! दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे! प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं! दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे!

रंजिश हो दिल में तो…

रंजिश हो दिल में तो…खुल के गिला करो…. यूं शिकायतों का बोझ लेके किसी से मिला ना करो।

फिर थम जाना….

सिसकना,भटकना,और फिर थम जाना…. बहुत तकलीफ देता है, खुद ही संभल जाना…

किस्सा बना दिया

किस्सा बना दिया एक झटके में उसने मुझे, जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताता था !!

निभाते नही है..

निभाते नही है..लोग आजकल..! वरना..इंसानियत से बड़ा रिश्ता कौन सा है..

ये खुली-खुली सी जुल्फें

ये खुली-खुली सी जुल्फें, इन्हें लाख तुम सँवारो,…. जो मेरे हाथ से सँवरतीं, तो कुछ और बात होती!!

जो आने वाले हैं

जो आने वाले हैं मौसम, उन्हें शुमार में रख… जो दिन गुज़र गए, उन को गिना नहीं करते…

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