ना जाने किसका

ना जाने किसका मुकद्दर संवरने वाला है…! वो एक किताब मे चिट्ठी छुपा के निकली है…

मोहब्बत की आजमाइश

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..

काग़ज़ पे तो

काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

दिल के मलबे में

दिल के मलबे में दबा पड़ा हूँ मैं… जिस्म के कमरे में भूकम्प आया था….

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया, किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था|

तुझे पाने की चाह

तुझे पाने की चाह में इतना कुछ खोया है….. की अब तू मिल भी जाए तो भी अफ़सोस होगा….

वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर

वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर हो गई;हमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे कि;वो रद्दी बेचकर अमीर हो गई।

जब भी बाहरी दुनिया से

जब भी बाहरी दुनिया से दुख मिले तो हमारे पास आ जा इज्जत मुफ्त में और मोहब्बत बेपनाह मिलेगी..!

है क़यामत भी

है क़यामत भी एक चीज़ लेकिन देखना,तेरी अंगड़ाई जीत जायेगी|

मोहब्बत ऐसी धडकन हैं

मोहब्बत ऐसी धडकन हैं जो समझाई नही जाती….ज़ुबां पे दिल की बेचैनी कभी लाई नही जाती….

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