एक अधबुझा दिन मिलता है,एक अधबुझी रात से.. और वो कहते है क्या खुबसूरत शाम है…
Tag: प्यारी शायरी
यह प्यार मोहब्बत का
यह प्यार मोहब्बत का, क्या खेल है रब जाने , जिस ने की वफा उसका, नुकसान रहा अक्सर !!
खुद को मेरे दिल में
खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गए हो. तुम्हे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आता…
स्याही थोड़ी कम पड़ गई
स्याही थोड़ी कम पड़ गई, वर्ना किस्मत , तो अपनी भी खूबसूरत लिखी गई थी।
आज भी रखते हैं
आज भी रखते हैं हम साँसों में उनको शामिल, जो भूल गया हमारे सीने को रवानी देकर |
मुहँ खोलकर तो
मुहँ खोलकर तो हँस देता हूँ मैं हर किसी के साथ….. लेकिन दिल खोलकर हंसे मुझे ज़माने गुज़र गए !!
अगर प्यार है
अगर प्यार है तो शक़ कैसा अगर नहीं है तो हक़ कैसा..
जब मैं लिखूँगा
जब मैं लिखूँगा दास्ताने जिदंगी तो, सबसे अहम किरदार तुम्हारा ही होगा।
इश्क़ लाजवाब है
यकीनन इश्क़ लाजवाब है, पर तुम से थोडा कम है।।
मेरा होकर भी
मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है,दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है…