जिन्हें पता है

जिन्हें पता है अकेलापन क्या है…. वो दूसरे के लिए हमेशा हाजिर रहते है !!

मुहब्बत में अगर

मुहब्बत में अगर मति ना मारी जाए तो समझो मुहब्बत नहीं वहम हुआ है|

तुम जो पर्दे में

तुम जो पर्दे में सँवरते हो नतीजा क्या है लुत्फ़ जब था कि कोई देखने वाला होता |

मैंने तो माँगा था

मैंने तो माँगा था थोड़ा सा उजाला अपनी जिंदगी में , वाह रे चाहने वाले तूने तो आग ही लगा दी जिंदगी में !!

पंख लगा के

पंख लगा के उड़ नहीं सकती, मेरी चिट्ठी अलफ़ाज़ और अहसास… दोनों भारी हैं इसमें….

मैं कोशिश करता हुँ

मैं कोशिश करता हुँ कि पूरे दिन काम कर के इतना थक जाऊँ.. की बिस्तर पर जातें हीं नींद आ जाए ना की तेरी याद…

आँसुओ की तरह

वापसी का तो सवाल ही नही….. आँसुओ की तरह निकला हूँ मै…..

मेरा ईमान कहता है

मेरा ईमान कहता है के ज़रूर आएगा इन अंधेरो का चीर के ज़िगर नूर आएगा मुझको मासूमो के कातिलो को यही कहना है तू है फिरोन अगर तो मूसा भी ज़रूर आएगा|

वो मुझे ज़िन्दा देख कर

वो मुझे ज़िन्दा देख कर बोली,,, कि तुझे बददुआ नही लगती है क्या…

कहीं दरिया का ग़ुरूर

कहीं दरिया का ग़ुरूर ना टूट जाए मैं आंसू वक़्त आने पे निचोडुंगा |

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