शहर लौटने की फ़िक्र
अब मेरे चेहरे पे जारी है..
चंद पैसों की नौकरी
माँ की ममता पे भारी है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शहर लौटने की फ़िक्र
अब मेरे चेहरे पे जारी है..
चंद पैसों की नौकरी
माँ की ममता पे भारी है…