हिचकियों से एक बात का

हिचकियों से एक बात का पता चलता है कि कोई हमें याद तो करता है,
बात न करे तो क्या हुआ कोई आज भी हम पर कुछ लम्हें बरबाद तो करता है…

हर रोज़ दरवाजे

हर रोज़ दरवाजे के नीचे से सरक कर

आती है सारे जहान की ख़बरें…

एक तेरा हाल ही जानना इतना मुश्किल क्यूं है…