लफ़्ज़ों का लहू निकलता है

ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है

ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे

और दोनों ही बेजुबां निकले…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *