ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है
ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे
और दोनों ही बेजुबां निकले…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना लफ़्ज़ों का लहू निकलता है
ना किताबें बोल पाती हैं,
मेरे दर्द के दो ही गवाह थे
और दोनों ही बेजुबां निकले…