इस कदर न दिजिये एहमियत खबरों को…
ये चनों से लिपट कर ,,
पाँच रूपए में बिक जातीं हैं..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इस कदर न दिजिये एहमियत खबरों को…
ये चनों से लिपट कर ,,
पाँच रूपए में बिक जातीं हैं..