मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले….. फिर वही गोद फिर वही माँ मिले….
Category: Zindagi Shayri
ऐतबार ना कीजिये
फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी… हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये…
शायर बनना है
मुझे शायर बनना है दोस्तो, क्या एक बेवफा से इश्क कर लूँ
थक हार के
आखिर थक हार के, लौट आया मै बाज़ार से….!! यादो को बंद करने के ताले , कही मिले नही….!!!
कूछ रिश्तों के
आज कि बात कूछ रिश्तों के नाम नही होते. कूछ रिश्ते नाम के होते है.
पहले भी तुम
छोटी सी लिस्ट है मेरी “ख़्वाहिशों” की पहले भी तुम और आख़िरी भी तुम
मेरे पत्थर के
हाथ मेरे पत्थर के, पत्थर की हैं मेरी उंगलियां, दरवाज़ा तेरा काँच का, मुझसे खटखटाया न गया…
तू जिंदगी में आई
दोनों ही बातों से तेरी एतराज है मुझको.. क्यों तू जिंदगी में आई और क्यों चली गई..
अपने बारे में
खुद अपने वजूद का ख्याल खो बैठोगें, अपने बारे में जीयादा ना सोचना दोस्तों……..!
मोल नहीं लेता..
आज़ादी एक ख़तरा हैं, हर कोई मोल नहीं लेता..