अब अकेला नहीं रहा मैं यारों मेरे साथ अब मेरी तन्हाई भी है…..
Category: Zindagi Shayri
सबसे गिरी हुई चीज़
फायदा सबसे गिरी हुई चीज़ है, लोग उठाते ही रहते हैं..!!
जान निकल जाती है
टूटकर चाहना और फिर टूट जाना, बात छोटी है मगर जान निकल जाती है…..
ज़रा सी ढंग की रोटी
ज़रा सी ढंग की रोटी क्या मांग ली देश के सिपाही ने… सरकार ने तो बन्दुक ही छीन ली…
तमाम लोगों को
तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी, कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।
ठहर जाते तो शायद
ठहर जाते तो शायद मिल जाते हम तुम्हें, इश्क मे इन्तजार किया करते हैं जल्दबाजी नही…
भुला देंगे तुम्हे
भुला देंगे तुम्हे भी ज़रा सब्र तो कीजिये, आपकी तरह मतलबी होने में थोडा वक़्त लगेगा
मेहरबान होकर बुला लो
मेहरबान होकर बुला लो मुझे किसी वक़्त, मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ…..
मुझे देखो न इस तरह
मुझे देखो न इस तरह गहरी निगाह से तुम….!!! दिल डूबने सा लगता है मोहब्बत के ख्य्याल से
रंजिश ही सही
रंजिश ही सही , दिल को दुखाने के लिए आ, आ फिर से मुझे , छोड़ जाने के लिए आ…..