अब तो आंखे भी

अब तो आंखे भी थक गई तेरी याद में रोते-रोते,कम्बख्त दिल है कि तुजे भुलाना ही नही चाहता|

जुड़ने लगा है

जुड़ने लगा है दिल का हर टुटा टुकड़ा कमबख्त फिर न किसी से मुहब्बत हो जाये.. ।।

शिकायतों की पाई-पाई

शिकायतों की पाई-पाई जोड़कर रखी थी मैंने,,, उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया…

कह दो इन हसरतों से

कह दो इन हसरतों से, कही और जाकर बसे; इतनी जगह कहाँ है, दिल ए दागदार मे….!!

छोड़ दिया है

छोड़ दिया है हमने..तेरे ख्यालों में जीना, . अब हम लोगों से नहीं..लोग हमसे इश्क करते हैं |

साँसों को मोहब्बत है

साँसों को मोहब्बत है धड़कन से,हम्हे ऐसी मोहब्बत है तुमसे|

रिश्ता तोडना मेरी

रिश्ता तोडना मेरी फितरत में नहीं, हम तो बदनाम है रिश्ता निभाने के लिये..

ख़ुद के लिए

ख़ुद के लिए या ख़ुदा के लिए जीने की तमन्ना थी, तुम कब ज़िंदगी बन गए रूह को इल्म ही ना हुआ|

आ रही रात की खुशबु

आ रही रात की खुशबु तुझे छूकर हवाओं से दे रहा ईश्क फिर दस्तक भोर की ईन फिजाओं से

किसी की खातिर

किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो, लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो|

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