सितम याद आ रहा है

सितम याद आ रहा है रह रहकर.. मोहब्बत में कितने ज़ालिम सा था वो….

कभी आती है

कभी आती है हँसी खुद पर कभी खाली जेब पर हँसी आती है|

सबसे गिरी हुई चीज़

फायदा सबसे गिरी हुई चीज़ है, लोग उठाते ही रहते हैं..!!

जान निकल जाती है

टूटकर चाहना और फिर टूट जाना, बात छोटी है मगर जान निकल जाती है…..

तमाम लोगों को

तमाम लोगों को अपनी अपनी मंजिल मिल चुकी, कमबख्त हमारा दिल है, कि अब भी सफर में है।

भुला देंगे तुम्हे

भुला देंगे तुम्हे भी ज़रा सब्र तो कीजिये, आपकी तरह मतलबी होने में थोडा वक़्त लगेगा

मुझे देखो न इस तरह

मुझे देखो न इस तरह गहरी निगाह से तुम….!!! दिल डूबने सा लगता है मोहब्बत के ख्य्याल से

जिस जिस ने

जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया

मिलता तो बहुत कुछ है

मिलता तो बहुत कुछ है इस जिंदगी में, बस हम गिनती उसी की करते है जो हाँसिल ना हो सका !!

तेरे इश्क में

तेरे इश्क में डूब कर कतरे से दरिया हो जाऊँ मैं तुमसे शुरू होकर तुझमें ख़त्म हो जाऊँ…

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