पहले सौ बार इधर और उधर देखा है तब कहीं डर के तुम्हें एक बार देखा है|
Category: Shayri
खुल जाता है
खुल जाता है तेरी यादों का बाजार सुबह सुबह, और हम उसी रौनक में पूरा दिन गुजार देते है !!
आए हो निभाने जब
आए हो निभाने जब क़िरदार ज़मीं पर, कुछ ऐसा कर चलो कि ज़माना मिसाल दे|
उन लोगों को
उन लोगों को दर्द के सिवा और कुछ नहीं मिलता, जो दूसरों से हद से ज्यादा उम्मीद लगा लेते है !!
कुछ अधूरे ख्वाब
कुछ अधूरे ख्वाब तेरे संग पूरे करना चाहते है, ज़िंदगी ना सही कुछ पल ही सही, तेरे कंधे पर सर रख अपने दर्द बाँटना चाहते है..!!
घर में अखबार भी
घर में अखबार भी अब किसी बुजुर्ग सा लगता है…. जरूरत किसी को नहीं जरूरी फिर भी है…
कैसे कह दूं
कैसे कह दूं की महंगाई बहुत है। मेरे शहर के चौराहे पर आज भी एक रूपये मे कई दुआएँ मिलती है।।
तुम नफरतों के धरने
तुम नफरतों के धरने,क़यामत तक ज़ारी रखो। हम मोहब्बत से इस्तीफ़ा,मरते दम तक नहीं देंगे!!!
गलत सुना था
गलत सुना था कि, इश्क़ आँखों से होता है दिल तो वो भी ले जाते है, जो पलके तक नही उठाते है..।।
बडी बरकत होती हैं
सुना है बडी बरकत होती हैं इश्क में….. हम क्यूँ खाली हाथ लौट आएं तेरे दर से