बेवजह मिलना ए दोस्त

कभी मिल सको तो पंछीयो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त, वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज कितने मिलते है ।

प्यार सभी करते है मगर

?” प्यार “? सभी करते है मगर … कोई दिल से करता है तो … कोई दिमाग सें करता है

वो ‎माँ‬ ही है

रुके तो चाँद जैसी है, चले तो हवाओं जैसी है, वो ‎माँ‬ ही है, जो धूप में भी छाँव जैसी है….?

नजर ख़राब है

मेरे हाथ में गंगाजल,तेरे हाथ में शराब है???? मैं हो गया अमावास तू माहताब है? तेरी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी?? उठी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है??

चलते रहेंगे क़ाफ़िले

चलते रहेंगे क़ाफ़िले मेरे बग़ैर भी यहाँ. एक तारा टूट जाने से, फ़लक़ सूना नहीं होता…

दिसंबर करीब है

उदास शामें, तनहा रातें, दिल की हालत अजीब है… … सुनों… लौट आओ मेरे हमदम, दिसंबर करीब है…!!!

की थी मैंने मोहब्बत से तौबा

आज फिर की थी मैंने मोहब्बत से तौबा, आज फिर उनकी तस्वीर देख कर नियत बदल गई।

ख़ुदा के नाम पे

ख़ुदा के नाम पे जिस तरह लोग मर रहे हैं, दुआ करो कि अकेला ख़ुदा ना रह जाए….!!

समय खुद सुधारना पड़ता है.

घड़ी सुधारने वाले मिल जाते हैं, समय खुद सुधारना पड़ता है.

ख़ुशी के आंसू

हज़ारों मिठाइयाँ . . चखी हैं जमाने में . . . ख़ुशी के आंसू से . . मीठा कुछ भी नहीं ।।

Exit mobile version