समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितने फसाद होते, हकीक़त हो जाते ख्वाब सारे तो सोचो कितने फसाद होते.. किसी के दिल में क्या छुपा है बस ये खुदा ही जानता है, दिल अगर बेनक़ाब होते तो सोचो कितने फसाद होते.. थी ख़ामोशी फितरत हमारी तभी तो बरसों निभा गई, अगर हमारे मुंह में भी… Continue reading ख़ामोशी फितरत हमारी
Category: Shayari
जिंदगी देकर भी
खरीद सकते उन्हें तो अपनी जिंदगी देकर भी खरीद लेते , पर कुछ लोग “कीमत” से नही “किस्मत” से मिला करते हैं…
कलाकारी करते करते
थक गया है गम भी अपनी कलाकारी करते करते, ऐ खुशी तु भी अपना किरदार निभा दे जरा।
लफ्जों मे जिंदगी
कीतने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयाँ करुँ ? लो तुम्हारा नाम लेके किस्सा तमाम करुँ !!
ताकत दवाओं की
परखता रहा उम्र भर, ताकत दवाओं की, दंग रह गया देख कर, ताकत दुआओं की!!?
कमबख्त ये ज़िंदगी
जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना, कमबख्त ये ज़िंदगी, भरोसे के काबिल नहीं होती…
फिक्र तब होती है
जुबाँ न भी बोले तो, मुश्किल नहीं… फिक्र तब होती है जब… खामोशी भी बोलना छोड़ दें…।।
एक हुनर है
जख्म छुपाना भी एक हुनर है, वरना, यहाँ हर मुठ्ठी में नमक है
सवाल नहीं था
ज़हर का सवाल नहीं था वो तो में पी गया तकलीफ़ लोगों को ये थी की में जी गया ।
शायर वही हुए
रात रोने से कब घटी साहब बर्फ़ धागे से कब कटी साहब सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..