आँखे ज़िसे चुने वो सही हो या ना हो, दिल से किया हुआ चुनाव कभी गलत नहीं होते..!!
Category: Shayari
कैसे बदलदू मै
कैसे बदलदू मै फितरत ए अपनी मूजे तुम्हें सोचते रहनेकी आदत सी हो गई है
बदन के घाव
बदन के घाव दिखाकर जो अपना पेट भरता है, सुना है वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है।
न छेड़ क़िस्सा वो
न छेड़ क़िस्सा वो उल्फत का, बड़ी लम्बी कहानी है ! मैं ज़िंदगी से नहीं हारा, बस किसी पे एतबार बहुत था…
हमने कहा था
हमने कहा था दिल दे दो और जान ले लो, उसने दिल दिया नहीं और जान भी ले ली।
मत पूछो कि
मत पूछो कि मै यह अल्फाज कहाँ से लाता हूँ, उसकी यादों का खजाना है, लुटाऐ जा रहा हूँ मैं….
फिर इशक का जुनूं
फिर इशक का जुनूं चढ़ रहा है सिर पे, मयखाने से कह दो दरवाजा खुला रखे…
वो पत्थर कहाँ मिलता है
वो पत्थर कहाँ मिलता है बताना जरा ए दोस्त, जिसे लोग दिल पर रखकर एक दूसरे को भूल जाते हैं..
शायर तो कह रहा था
शायर तो कह रहा था कि हमने कहा है शेर और शेर कह रहा था चुराए हुए हैं हम….
मुक्कम्मल ज़िन्दगी तो है
मुक्कम्मल ज़िन्दगी तो है, मगर पूरी से कुछ कम है।