यूँ तो मझे झूठ से सख्त नफरत है लेकिन अच्छा लगता है जब वो मुझे अपना कहता है
Category: Sad Bewafa Shayri
गिरती हुई बारिश
गिरती हुई बारिश के बूंदों को अपने हाथों से समेट लो, जितना पानी तुम समेट पाए, उतना याद तुम हमें करते हो, जितना पानी तुम समेट ना पाई, उतना याद हम तुम्हे करते हैं।
सुनो, ठिकाने लगा दो
सुनो, ठिकाने लगा दो मुझे, अब कोई ठिकाना नही मेरा।
तुम्हारे लिए बस दुआ ही
तुम्हारे लिए बस दुआ ही निकली थी इन लबों से, सोचो जो बदुआ आई, कुछ तो बात रही होगी।
सबसे मुश्किल होता हैं
सबसे मुश्किल होता हैं उन जाने लोगो से बात करना, अंजानो की तरह। वो अनजाने लोग जिनपर कभी जान लुटाया करते थे।
हर बात में हारता था
हर बात में हारता था मैं उस से, उसे भी हार गया मैं उसी से।
उसको मिलने से पहले
उसको मिलने से पहले कहीं बार सोचा था, उस से मिलने के बाद कहीं बार सोचा हैं। वो जो मिलती हैं मुझे, मुझे मिल क्यूँ नही जाती..??
मेरे पास आते आते
मेरे पास आते आते, दूर मुझसे हो रही हैं। एक अजनबी मिलके रोज, कुछ और अजनबी हो रही हैं।
अंजाम-ए-मोहब्बत
अंजाम-ए-मोहब्बत सोच कर आगाज-ए-मोहब्बत कर न सके.. अब क्यूँ रोते हो उसके लिए, तमाम उम्र जो कभी हुआ नही..??
कभी दंगो में जल गई
कभी दंगो में जल गई थी जो कहानियाँ, आज फिर से दंगो की वजह बन गई हैं।