रंग उन अनकही बातो का

रंग उन अनकही बातो का आज भी हरा है जाने कितने पतझड बीत गये….

कुछ देर के सवालो मे..!

उलझा उनको कुछ देर के सवालो मे..! हमने जी भर के देख लिया उनको..!!

मोहब्बत सिर्फ देखने से

मोहब्बत सिर्फ देखने से नहीं, कभी कभी बातो से भी हो जाती है…

हम तो बस

हम तो बस सवाल है जवाब अगर नही है,,तो आपका

अब हवाएँ ही

अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला…जिस दिए में जान होगी,, वो दिया रह जाएगा

कहानी ख़त्म हुई

कहानी ख़त्म हुई और ऐसी ख़त्म हुई… कि लोग रोने लगे तालियाँ बजाते हुए..

गया वो वक़्त

गया वो वक़्त जब परियों की कहानी हमें सुला देती थी* अब एक परी का किस्सा हमें सोने नहीं देता रात भर…

उम्मीदों के ताले

उम्मीदों के ताले पड़े के पड़े रह गए, तिज़ोरी उम्र की, ना जाने कब ख़ाली हो गई !!

मुझे फुर्सत से

मुझे फुर्सत से मिलो सब तुम्हे बताऊंगा कौन कमज़र्फ है और कौन दुआ देता है!

मुश्किलें आयीं मगर

मुश्किलें आयीं मगर लौट गयीं उलटे पाँव कोई ऐसा भी है जो मुझको दुआ देता है!

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