किस्सा बना दिया

किस्सा बना दिया एक झटके में उसने मुझे, जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताता था !!

निभाते नही है..

निभाते नही है..लोग आजकल..! वरना..इंसानियत से बड़ा रिश्ता कौन सा है..

जो आने वाले हैं

जो आने वाले हैं मौसम, उन्हें शुमार में रख… जो दिन गुज़र गए, उन को गिना नहीं करते…

एक अरसा गुजर गया

एक अरसा गुजर गया तुम बिन फिर तेरी यादे क्यों नहीं गुजर जाती इस दिल से |

हर शख्श नहीं

हर शख्श नहीं होता अपने चेहरे की तरह, हर इंसान की हकिकत उसके लहजे बताते है..

तेरे शहर में

तेरे शहर में आने को हर कोई तरसता है लेकिन वो क्या जाने वहां कोई नही पहुँचता है जो पहुँचता है वो तुझसा ही होकर कोई खुद सा वहां कब पहुँचता है ये तो कुछ शब्दों का भ्रम जाल है इन मंदिर में रखी किताबो का जो हर कोई तुझसे मिलने को तरसता है खुल… Continue reading तेरे शहर में

उस को भी

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं, इश्क़ ही इश्क़ की कीमत हो ज़रूरी तो नहीं।

आजकल के हर आशिक

आजकल के हर आशिक की अब तो यही कहानी है, मजनू चाहता है लैला को, लैला किसी और की दीवानी है..

दर्द लफ़्ज़ों में

दर्द लफ़्ज़ों में बयाँ होकर भी दर्द ही रहता है, और प्यार ख़ामोश रहकर भी मुस्कुराता है..

एक ही बात सच है

एक ही बात सच है दुनिया में…आप किसी को हमेशा खुश नहीं रख सकते|

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