करनी है खुदा से गुजारिश

करनी है खुदा से गुजारिश तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या फिर कभी जिंदगी न मिले !!

मेरा खुदा एक ही है..

मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..

बेनाम सा रिश्ता

बेनाम सा रिश्ता यूँ पनपा है फूल से भंवरा ज्यूँ लिपटा है पलके आंखे, दिया और बाती ऐसा ये अपना रिश्ता है.!!!!

दीवार पर लिख गये..

बच्चे मेरे गली के बहुत ही शरारती हैं, आज फिर तुम्हारा नाम मेरी दीवार पर लिख गये..

जब से वो

जब से वो मशहूर हो गये हैं, हमसे कुछ दूर हो गये हैं…

बस यही सोच कर

बस यही सोच कर हर मुश्किलों से लड़ता आया हूँ…! धूप कितनी भी तेज़ हो समन्दर नहीं सूखा करते…।।

ख्वाहिश भले छोटी सी हो

ख्वाहिश भले छोटी सी हो लेकिन…उसे पूरा करने के लिए दिल ज़िद्दी सा होना चाहिए..

मुड़कर नहीं देखता

मुड़कर नहीं देखता अलविदा के बाद , कई मुलाकातें बस इसी गुरुर ने खो दी।

लगने दो आज महफिल ….

लगने दो आज महफिल …. शायरी कि जुँबा में बहते है .. तुम ऊठा लो किताब गालिब कि …. हम अपना हाल ए दिल कहते है …

शिकवा तो बहुत है

शिकवा तो बहुत है मगर शिकायत नहीं कर सकते मेरे होठों को इज़ाज़त नहीं तेरे खिलाफ बोलने की…

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