तुझे चाहने का ही

तुझे चाहने का ही जुर्म तो किया था, तूने तो पल पल मरने की सजा दे दी !!

घुटन सी होने लगी

घुटन सी होने लगी अब प्यार जताते हुए मै खुद से रूठ गया अब तुझे मनाते हुए।।

कहानियाँ लिखने लगा हूँ

कहानियाँ लिखने लगा हूँ मैं अब … शायरियों में अब तुम समाते नहीं …

तुम इकरार कब करोगे

कुछ बेक़रारीयां और बढ़ा रहा हूं तुम्हारी … देखना है तुम इकरार कब करोगे..

लिख लिख के मेरा नाम

लिख लिख के मेरा नाम जमीं पर मिटा दिया, उनका था खेल खाक में हमें मिला दिया|

तुम मुहब्बत को

तुम मुहब्बत को खेल कहते हो हमने बरबाद ज़िंदगी कर ली|

मोहब्बत आम सा

मोहब्बत आम सा इक वाक़िआ था, हमारे साथ पेश आने से पहले !!

तुझपे खर्च करने के लिए

तुझपे खर्च करने के लिए बहुत कुछ नहीं है मेरे पास, थोड़ा वक़्त हैं, थोड़ा मैं हूँ।

एक वक्त था

एक वक्त था जब बातें खत्म नहीं हुआ करती थी, आज सब खत्म हो गया पर बात नहीं होती|

ना तोल मेरी मोहब्बत

ना तोल मेरी मोहब्बत अपनी दिल्लगी से देखकर मेरी चाहत को अक्सर तराजु टुट जाते है |

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