तुम जब भी लिखना…

तुम जब भी लिखना…लिखना पूरे होशोहवास में , दोस्त, शब्द धीरे-धीरे पूरे वजूद को जकड़ लेते हैं !

मेरे किरदार से खफा है

शिकायत उस लिखने वाले से है, तुझसे कोई गिला नहीं, जो शायद इस कहानी में मेरे किरदार से खफा है|

बेवफा कहने से

बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना.कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना..

मुझे कोई प्यार करे….

मुझे कोई प्यार करे….ऐसी शिकायत नही है मेरी. पर में सबसे प्यार करू…ऐसा दिल जरूर दिया है रब ने….

तेरे प्यार की हमे

तेरे प्यार की हमे जरुरत बहुत थी, पर तुझे पाने की कीमत बहुत थी , आखिरी साँस तक तेरा इंतजार किया था हमने पर तुझे वादा करके भूल जाने की आदत बहुत थी|

बहुत हसरत रही है

बहुत हसरत रही है की तेरे साथ चलें हम..!! बस तेरी और से ही कभी इशारा ना हुआ….!!!!

चेहरा देखने का हक

चेहरा देखने का हक सिर्फ आपको दिया है, वरना लोग हमारी पायल की आवाज सुनकर सर झुका लेते है !!

इतनी वफ़ादारी न कर

इतनी वफ़ादारी न कर किसी से यूँ मदहोश होकर… ये दुनियाँ वाले एक ख़ता के बदले सारी वफाएँ भुला देते है|

सपने हीं रहते हैं ना

सपने तो सपने हीं रहते हैं ना……क़ाश कभी सच होते……तो मरने से पहले हम भी जी लेते ना दो पल …..!

मेरी उम्र तेरे ख्याल में

मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए..

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