तेरी गली का सफर

तेरी गली का सफर आज भी याद है मुझे…!! मैं कोई वैज्ञानिक नही था, पर मेरी “खोज” लाजवाब थी…!!

आप का सवेरा है

कहीं कहीं कोई तारा कहीं कहीं जुगनू जो मेरी रात थी वो आप का सवेरा है

ज्यादा कुछ नही

आसान सा रास्ता है बदनाम होने का यारो , ज्यादा कुछ नही फ़कत मोहब्बत कर लो…

जाने मैं कहाँ जा रहा हूँ

मैं तिनके सा बहा जा रहा हूँ .. जाने मैं कहाँ जा रहा हूँ …

कितना याद करता हूँ

पूछो इस दिल से की मैं तुम्हे कितना याद करता हूँ, पागल सी हो गई है वो कलम जिससे मैं तेरा नाम लिखता हूँ..!!

कोशिश भी मत करना

कोशिश भी मत करना, मुझे संभालने की अब तुम, बेहिसाब टूटा हुं, जी भर के बिखर जाने दो मुझे..!!

कुछ न कुछ कमियाँ

कुछ न कुछ कमियाँ बता कर, निगाहों से गिराती है। दुनियां नेक नीयत पर भी, उँगलियाँ अब उठाती हैं.!!

मेरे नाम से घबराहट तो होगी

दरख़्त-ए-नीम हूँ, मेरे नाम से घबराहट तो होगी, छांव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कड़वाहट तो होगी..!!

हर शख्स के काबिल

हर शख्स नही होता हर शख्स के काबिल … हर शख्स को अपने लिए सोचा नही करते |

दिन गुमसुम से ढल जायेंगे 

अब के बाद न जाने कितने दिन गुमसुम से ढल जायेंगे जाने कितने आज सदा को इसी तरह कल बन जायेंगे …

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