बेवफा लोगो को

बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कौन जान सकेगा…. ..हम तो वो है जिन्हें किसी की नफरत से भी प्यार था|

बहुत शौक है

बहुत शौक है न तुझे ‘बहस’ का आ बैठ…….’बता मुहब्बत क्या है’…

जिंदगी देने वाले

जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।

अगर परछाईयाँ कद से

अगर परछाईयाँ कद से और बातें औकात से बड़ी होने लगे तो समझ लीजिये कि सूरज डूबने ही वाला है..!

प्यार का रिश्ता

प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है। मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी।

सदाबहार हैं ख्वाब

सदाबहार हैं ख्वाब तुम्हारे , न कोई पतझड़ , न कोई बसंत इनका….

तुम हर तरह से

तुम हर तरह से मेरे लिए ख़ास हो,शुक्रिया वो बनने के लिए जो तुम हो…

दर्द ओर आसूं

मुहब्बत कितनी सच्ची क्यों न हो एक दिन दर्द ओर आसूं जरुर देती है।

तुम क्या जानो

तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुज़री..,, तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया ..

आख़िरी उम्र में

आख़िरी उम्र में कैसे मैं ग़मों को छोडूँ.. यह मेरे साथ रहें हैं सगे भाई की तरह !

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