सन्नाटा छा गया

सन्नाटा छा गया बटवारे के किस्से में, जब माँ ने पूछा मै हूँ किसके हिस्से मे

मोहब्बत में सलाह

मुझसे मोहब्बत में सलाह मांगते है लोग… तेरा इश्क़ मुझे ये तजुर्बा दे गया…

फैंसला ये है

फैंसला ये है की अब आवाज नहीं देनी किसी को… हम भी देखे कौन कितना तलबगार है हमारा…।

सिर्फ ख़ुशी में

सिर्फ ख़ुशी में आना तुम. अभी दूर रहो थोड़ा परेशां हूँ मैं ..

हाथ जोड़कर दिल जीतता हुँ

हारने वाले के आगे हाथ जोड़कर दिल जीतता हुँ महोब्बत के अखाड़े का सुल्तान मैं भी हूँ .

बेवजह दीवारों पर

बेवजह दीवारों पर इल्ज़ाम है, बँटवारे का, लोग मुद्दतों से एक कमरे में अलग-अलग रहते हैं…..

कूबूल करना है

सुनो ! मुझे गुनहगार साबित करने की जहमत ना उठाया करो तुम बस खबर कर दिया करो कि मुझे क्या क्या कूबूल करना है ??

जगह ही नहीं है

जगह ही नहीं है दिल में अब दुश्मनों के लिए, कब्ज़ा दोस्तों का कुछ ज्यादा ही हो गया है !!

बूंदों का सवाब

बूंदों का सवाब समझ सकता है.. वही..जो वाकिफ़ हो भीग जाने के हुनर से !

ऐसे माहौल मे

ऐसे माहौल मे…दवा क्या है..?दुआ क्या है..?? जहा कातिल ही… खुद पूछें..हुआ क्या है..?हुआ क्या है|

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