Intezaar Karte Hai

Log rone ke liye kandha nahi dete, Marne tak intezaar karte hai॥

हिसाब रहता है

फिर कहाँ का हिसाब रहता है ,., इश्क़ जब बेहिसाब हो जाये ,.,!!

चादर की ज़रूरत

मुफलिस के बदन को भी है चादर की ज़रूरत, अब खुल के मज़ारों पर ये ऐलान किया जाए.. क़तील शिफ़ाई

यह मन्नत की

मांग लूँ यह मन्नत की फिर यही जहाँ मिले….. फिर वही गोद फिर वही माँ मिले….

ऐतबार ना कीजिये

फूल भी दे जाते हैं ज़ख़्म गहरे कभी-कभी… हर फूल पर यूँ ऐतबार ना कीजिये…

शायर बनना है

मुझे शायर बनना है दोस्तो, क्या एक बेवफा से इश्क कर लूँ

न समझ भूल

न समझ भूल गया हूँ तुझे , तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी हैं !! मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत ! सच्चाई मेरी वाफाओ में आज भी हैं !!

दिल दे देंगे

कभी उदास बेठी हो तो बताना, हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए !!

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