धीमी-धीमी नस चलें

धीमी-धीमी नस चलें, रुक-रुक करके श्वास। जीने की अब ना रही, थोड़ी सी भी आस।।

रह रह कर मुझको

रह रह कर मुझको रुलाती है वो , आसमां से मुझको बुलाती है वो।

अच्छे होते है

अच्छे होते है बुरे लोग कम से कम अच्छे होने का दिखावा नहीं करते …..!!

लोग कहते हैं

लोग कहते हैं कि दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है…. हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नहीं माँगा….

मेरे न हो सको तो

मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो, मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!

हम इश्क के

हम इश्क के फ़कीर है प्यारे छीनकर ले जायेंगे… दिल की धड़कने तुम्हारी

तू इतना प्यार कर

तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!

मेरी नासमझी की

मेरी नासमझी की भी हद ना पूछिए दोस्तों, उन्हें खोकर हम फिर उन जैसा ही ढूढ रहे हैं….

भूल बैठा है

भूल बैठा है वो मेरा नाम न जाने कब से दिल ने सदियों से जिसे अपना बना रखा है …

उठा कर कफ़न

उठा कर कफ़न , ना दिखाना चेहरा मेरा उनको उसे भी तो पता चले के यार का दीदार न हो तो कैसा लगता है…!!!

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