कहीं फिसल न जाऊं

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते, अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!

इश्क है या इबादत..

इश्क है या इबादत.. अब कुछ समझ नहीं आता, एक खुबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता.

वो दुआएं काश

वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती, ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!

निगाहों से भी

निगाहों से भी चोट लगती है.. जनाब.. जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है..!!

बड रहा है

बड रहा है दर्द गम उस को भूला देने के बाद याद उसकी ओर आई खत जला देने के बाद!

मेरी ‪खामोशियों‬ में

मेरी ‪खामोशियों‬ में भी ‪फसाना‬ ‪‎ढूँढ‬ लेती है बड़ी ‪शातिर‬ है ‪‎दुनिया‬ ‪मजा‬ लेने का ‪बहाना‬ ढ़ूँढ ‪लेती‬ है|

दर्द की एक बाढ़

दर्द की एक बाढ़ यूँ हमको बहा कर ले गई… या तो हम चीख़े नहीं या वक़्त ही बहरा रहा…

मौत कहाँ मर गयी..

खुदा जाने ये मौत कहाँ मर गयी.. अब मुझे जिंदगी की ज़रूरत नही है..!!

इश्क़ भी कहा मरता है

इश्क़ भी कहा मरता है पुरी तरह.. आधा मुझमें आधा तुझमें जिया करेगा..!

तुम बुझा के

तुम बुझा के चल तो दिए मेरी यादों के चिराग, क्या करोगी अगर रास्ते में रात हो गई तो.

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