नादानियाँ झलकती हैं अभी भी मेरी आदतों से, मैं खुद हैरान हूँ के मुझे इश्क़ हुआ कैसे…!!!
Category: हिंदी शायरी
जलवे तो बेपनाह थे
जलवे तो बेपनाह थे इस कायनात में… ये बात और है कि नज़र तुम पर ही ठहर गई…!
चल उस मोड़ से शुरू करें
चल उस मोड़ से शुरू करें फिर से जिंदगी… हर लम्हा जहाँ हसीन था और हम-तुम थे अजनबी…!
इतनी चाहत तो लाखो रुपये
इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही होती..!! जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती हैं..!!
कैसे ना मर मिटू उस पे यारो
कैसे ना मर मिटू उस पे यारो … रूठ कर भी कहता है संभल कर जाना…!
इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है
इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है । मैं उसके शहर में बंद मकान की तरह हूँ ।।
ना बुरा होगा ना बढ़िया होगा
ना बुरा होगा ना बढ़िया होगा, होगा वैसा, जैसा नजरिया होगा ।
कहते हैं ईश्क एक गुनाह है
कहते हैं ईश्क एक गुनाह है, जिसकी शुरूआत, दो बेगुनाहो से होती है..
इस साल गर्मी तो बहुत पड़ रही है
इस साल गर्मी तो बहुत पड़ रही है…. . . . . फिर भी तेरा दिल पिघलने ….का नाम ही नहीं ले रहा.
प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे
प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे, मगर जब जब तुझे देखूँ दिल धङकने लगता है…!!!