इश्क़ है तो

दोस्तो कह दो लड़कियो से इश्क़ है तो शक कैसा..? अगर नहीं है तो फिर हमारा हक़ कैसा….?

देखने का नजरिया

देखने का नजरिया सही होना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे स्कूल की पहली घंटी से नफरत होती है पर वही घंटी जब दिन की आखरी हो तो सबसे प्यारी लगती है…

इजहार करना नहीं आता

चलो माना की हमें प्यार का इजहार करना नहीं आता, जज़्बात ना समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं.

ज़मीन वालों की

कोई वकालत नहीं चलती ज़मीन वालों की , जब कोई फैसला आसमान से उतरता है ..!!

प्यार से ना देखा

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने….. हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही…

उनसे इश्क़ हुआ है..

सिर्फ रिश्ते टूटा करते हैं साहब, मुझे तो उनसे इश्क़ हुआ है..

लहू बेच-बेच कर

लहू बेच-बेच कर जिसने परिवार को पाला, वो भूखा सो गया जब बच्चे कमाने वाले हो गए…!!

मोहब्बत बढ़ती जायेगी।

हमने कब माँगा है तुमसे वफाओं का सिलसिला; बस दर्द देते रहा करो, मोहब्बत बढ़ती जायेगी।

लोग मुन्तजिर थे

लोग मुन्तजिर थे, मुझे टूटता हुआ देखने के, और एक मैं था, कि ठोकरें खा खा कर पत्थर का हो गया

दिखावे की मोहब्बत

दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर, . . ये दिल, . . तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी

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