दर्द बहुत वफ़ादार होता है

दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…

क्या पूछता है

क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर, जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…

मय को मेरे

मय को मेरे सुरूर से हासिल सुरूर था, मैं था नशे में चूर नशा मुझ में चूर था…

तुम मुझे फरेब दो

तुम मुझे फरेब दो और मैं प्यार समझूं उसे अब इतना सादगी का ज़माना नहीं रहा…

मोहब्बत की आजमाइश

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..

काग़ज़ पे तो

काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

दिल के मलबे में

दिल के मलबे में दबा पड़ा हूँ मैं… जिस्म के कमरे में भूकम्प आया था….

वो शख़्स जो

वो शख़्स जो आज मुहब्बत के नाम से बौखला गया, किसी जमाने में एक मशहूर आशिक़ हुआ करता था|

तुझे पाने की चाह

तुझे पाने की चाह में इतना कुछ खोया है….. की अब तू मिल भी जाए तो भी अफ़सोस होगा….

वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर

वो मेरी किस्मत मेरी तक़दीर हो गई;हमने उनकी याद में इतने ख़त लिखे कि;वो रद्दी बेचकर अमीर हो गई।

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