उनसे बिछुड़े हुए

उनसे बिछुड़े हुए हमें इक ज़माना हो गया। आँखों से इन अश्कों का रिश्ता पुराना हो गया ।। क्या कहे किसको कहे हाले- दिल की दास्ताँ । प्यार की हक़ीक़तें अब इक फसाना हो गया ।। यूँ तो रोज़ मिलते हैं ख़्वाबों मे अक्सर उन्हें दीदार अब उनका हमसे बेगाना हो गया ।। हाल मेरा… Continue reading उनसे बिछुड़े हुए

पथ्थर से पथ्थर पर

पथ्थर से पथ्थर पर वार करने वाले लोग भी है दुनिया मे, हम तो वो है जो पथ्थर से पथ्थर जोडकर किसी को उसकी मंजिल तक पहुंचा दे ।।

तेरी महफ़िल से

तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी, तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया।

कुछ ख़फ़ा है

आज दिल, कुछ ख़फ़ा है.. छोड़ो, कौन सा ये पहली दफ़ा है !!

क़ुदरत के नज़ारें हैं

कभी पतझड़ कभी सावन ये तो क़ुदरत के नज़ारें हैं … प्यासे वो भी रह जाते है जो दरिया के किनारे हैं …

फ़िर भी रह जाते है

निशान फ़िर भी रह जाते है बाक़ी.. टूट के जुड़ जाना इतना आसान नहीं होता..

हाथ फिरा देता हूँ

हाथ फिरा देता हूँ… मैं काँटो में भी… फूल समझ के… जब जहन में ख्याल… तुम्हारा चल रहा होता है…

कैसे गुज़र रही है

कैसे गुज़र रही है सभी पूछते हैं कैसे गुज़ारता हूँ कोई पूछता नहीं

किताबें रख दीं

किताबें रख दीं जो मैंने साइड में। कसूर है तुम्हारी ये तस्वीर का।

नींद तो आने को थी

नींद तो आने को थी पर दिल पुराने किस्से ले बैठा अब खुद को बे-वक़्त सुलाने में कुछ वक़्त लगेगा

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