हाथ फिरा देता हूँ… मैं काँटो में भी… फूल समझ के… जब जहन में ख्याल… तुम्हारा चल रहा होता है…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हाथ फिरा देता हूँ… मैं काँटो में भी… फूल समझ के… जब जहन में ख्याल… तुम्हारा चल रहा होता है…