बस यूँ ही लिखता हूँ वजह क्या होगी .. राहत ज़रा सी आदत ज़रा सी ..
Category: प्यार शायरी
अब ये न पूछना
अब ये न पूछना कि ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ… . कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के कुछ अपनी सुनाता हूँ..!!
वो लम्हा ज़िन्दगी का
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है |
मेरा खुदा एक ही है…
मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..
क्यों बताये किसी को
क्यों बताये किसी को हाले दिल अपना, जो तूने बनाया वही हाल है अपना ।।
बस यूँ ही
बस यूँ ही लिखता हूँ वजह क्या होगी .. राहत ज़रा सी आदत ज़रा सी ..
मेरी न सही
मेरी न सही तो तेरी होनी चाहिए…. तमन्ना किसी एक की तो पूरी होनी चाहिए…!!
दिल तोड़ के जाने वाले
दिल तोड़ के जाने वाले सुन ! दो और भी रिश्तें बाक़ी हैं एक सांस की डोरी अटकी है एक प्रेम का बंधन बाक़ी है
लफ्ज लफ्ज जोड़कर
लफ्ज लफ्ज जोड़कर बात कर पाता हूं उसपे कहते हैं वो कि, मैं बात बनाता हूं….
कर्म भूमि पर
कर्म भूमि पर फल के किये श्रम सबको करना पड़ता है.. रब सिर्फ लकीरें देता है, रंग हमें खुद भरना पड़ता है !!